सार्वजनिक व्यय की वृद्धि के कारण (Reasons for Growth of Public Expenditure)


1. कल्याणकारी राज्य (Welfare State) – आधुनिक सरकारे कल्याणकारी है और अपने लोगो के आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक जीवन में सुधार लाना उनका लक्ष्य होता है। आम जनता के जीवन स्तर को ऊपर उठाना उनका नैतिक कर्तव्य है। इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु इन्हें बहुत से कल्याणकारी राज्य जैसे शिक्षा, सार्वजनिक स्वाथ्य इत्यादि अपने हाथ में लेने पड़ते है। इन सब कार्यो को सम्पन्न करने के कारण सार्वजनिक व्यय में वृद्धि हुई है।

2. सुरक्षा आवश्यकताओं की पूर्ति (To meet the Defence needs) – प्रो. जे. के. मेहता के अनुसार अस्त्र शस्त्र पर भारी व्यय किए जाने के कारण सार्वजनिक व्यय में वृद्धि हो गई है। परमाणु शक्ति के विकास, जल और वायु सेना के उपभोग, युद्ध की विशालता के कारण युद्ध का अकाल्पनिक हो गयी है। अतएव युद्ध संचालन की व्ययपूर्णता तथा युद्ध की बढती हुई संभावनाओं के कारण प्रत्येक राज्यों व राष्ट्रों को सुरक्षा पर अधिक व्यय करना पड़ रहा है।

3 आर्थिक नियोजन (Economic Planning) – अधिकतम समाजिक लाभ तथा देश के विकास के लिए सभी सरकारे किसी न किसी प्रकार की योजनाएँ बनाती है। मिश्रित तथा समजवादी अर्थव्यवस्था में भी देश के विकास के लिए आर्थिक नियोजन की निति अपनाई जाती है। आर्थिक नियोजन की केन्द्रीय व्यवस्था के अंतर्गत विभिन्न विकास कार्यक्रमो और विकास परियोजनाओ को पूरा करने के लिए अधिक व्यय करती है जिससे सार्वजिनक व्यय में वृद्धि हो रही है।

4 जनसंख्या में वृद्धि (Rising Population) - जनसंख्या में वृद्धि भी सार्वजनिक व्यय में वृद्धि का एक कारण है क्योकि सरकार को विभिन्न कार्य करने के लिए मुद्रा की आवश्यकता होती है। जनसंख्या वृद्धि के कारण सरकार को भोजन, वस्त्र, शिक्षा, चिकित्सा इत्यादि पर अधिक व्यय करना पड़ रहा है। सार्वजिनक व्यय को कम करने के लिए जनसंख्या में वृद्धि पर रोक लगाना आवश्यक है।

5 राष्ट्रीय आय में वृद्धि (Increase in National Income) – राष्ट्रीय आय में वृद्धि भी सार्वजनिक व्यय में वृद्धि का एक कारण है क्योकि इससे देश का आर्थिक विकास होता है। कर राजस्व में वृद्धि से सार्वजनिक राजस्व में वृद्धि होती है जिससे पुनः सार्वजनिक व्यय में वृद्धि होती है।

6 उच्च मूल्य में वृद्धि (Increasing Price Level) – सम्पूर्ण विश्व में सार्वजनिक व्यय में वृद्धि का दूसरा कारण द्वितीय विश्व युद्ध के बाद होने वाली मूल्यों में वृद्धि है। मूल्य में वृद्धि से सरकार पर दो महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ते है – सरकार को सभी वस्तुओं  और सेवाओं को खरीदने के लिए उच्च दाम देने पड़ते है तथा अपने बढते व्यय को पूरा करने के लिए बड़े वितीय स्रोतों को खोजना पड़ता है।

7  ग्रामीण विकास योजना (Rural Development Schemes) – भारत जैसे विकासशील देशो में सरकार की ग्रामीण क्षेत्रों के विकास पर बहुत राशी व्यय करनी होती है जहाँ जनसंख्या का बड़ा भाग गाँव में रहता है उसे समुदाय विकास परियोजनाएँ तथा अन्य समाजिक विकास योजनाओ पर सार्वजनिक व्यय करना पड़ता है।

8 आर्थिक अवसाद (Economic Depression) – सार्वजनिक व्यय आर्थिक मंदी को रोकने का एक प्रभावशाली अस्त्र सिद्ध हो चूका है। संयुक्त राज्य अमेरिका की New Deal Policy इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है जिसके कारण सार्वजनिक व्यय में वृद्धि हुई है।


The journey begins

Thanks for joining us! 

                Aspirants Mitraz